तैमूर लंग का इतिहास-Taimur Ka Bharat Per Aakraman(1398 ई०)

प्रिय विधार्थियों अब इस लेख में मध्यकालीन इतिहास के महत्वपूर्ण टॉपिक Taimur Ka Bharat Per Aakraman के बारे में पूरा विस्तार से पढने वाले है. इस लेख में हम यह देखने वाले है की तैमूर वंश का इतिहास क्या-क्या है. इस युद्ध में क्या कारण थे और क्या-क्या प्रभाव व परिणाम क्या है. तो पूरा इतिहास पढने के लिए पूरा अंत तक पढ़े.

  • तैमूर लंग का इतिहास
  • तैमूर का भारत पर आक्रमण कब हुआ
  • तैमूर के भारत पर आक्रमण के कारण और प्रभाव
  • अंत में क्या पढ़ा (निष्कर्ष)

तैमूर वंश का इतिहास-Taimur Ka Bharat Per Aakraman Kyon Kiya

प्रिय स्टूडेंट इस लेख में Taimur Ka Bharat Per Aakraman के कुछ अति महत्वपूर्ण प्रश्न निम्नलिखित है.

  • तैमूर का पुरा नाम
  • नाम तैमूर लंग

तैमूर का पुरा नाम

तैमूर का पुरा नाम:- तैमूर का पुरा नाम अनीर तौमूर है और उसका जन्म स्न् 1336 ई० में हुआ है जो मध्य एशिया के एक कैच नामक स्थान में जो समरकन्द से 50 मील दक्षिण में यह स्थित है. तैमूर के पिता अनीर तुगाई बरलास जाति को हक शाखा गुर्गा या चुगताई के प्रमुख 1369 ई० में पिता की मृत्यु के बाद तैमूर चुगताई शाखा का प्रमुख बना और समरकन्द के सिंहासन पर बैठा था. तैमूर महत्वाकांक्षी एवं साहसी था और मध्य एशिया की राजनीति में मंगोल सम्राज्य के विघटन से शून्यता की स्थिति आ गयी थी. साहसी सरदार को अपनी सत्ता एवं शक्ति का विस्तार करने के लिए उपयुक्त अवसर मिल गया था.

नाम तैमूर लंग

नाम तैमूर लंग:- तैमूर ने ईरान, अफगानिस्तान, एशिया, सीरिया, कुर्दिस्तान, बगदाद और जार्जिया को जीत कर एक विशाल साम्राज्य की स्थापना कर ली थी. युद्ध में अनीर तौमूर जो था उसका एक टांग जख्मी यानि की एक टांग से वह घायल हो गया तभी उसका नाम तैमूर लंग हो गया था. वह Taimur Ka Bharat Per Aakraman करने के बाद चीन पर अधिकार करना चाहता था, परन्तु रास्ते में 1405 ई० में उसकी मृत्यु हो गयी और मरने के पूर्व एक विशाल साम्राज्य का वह स्वामी बन चुका था. यह रही Taimur Ka Bharat Per Aakraman के कुछ महत्वपूर्ण प्रश्न है.

तैमूर का भारत पर आक्रमण कब हुआ

तैमुर का भारत पर आक्रमण:- तैमुर ने ही महमूद गजनवी की तरह एक बहुत बड़ा लुटेरा था और उसने क्या किया की वह जो तैमुर लंग था वह धन व कई चीजो को प्राप्त यानि की हासिल करने के उद्देश्य से ही सन 1398 ई० में ही उसने भारत पर आक्रमण यानि की हमला किया था.

तैमूर के भारत पर आक्रमण के कारण और प्रभाव क्या है

अब इस लेख में Taimur Ka Bharat Per Aakraman के क्या-क्या कारण व प्रभाव है उसका प्रश्न से सम्बन्धित निम्नलिखित है.

  • धन प्राप्त करने के उद्देश्य से
  • पीर मुहम्मद व सारंग खां
  • निर्माण
  • दुलचीन पर आक्रमण
  • दिल्ली की ओर
  • विशाल सेना
  • मेरठ की रक्षा

धन प्राप्त करने के उद्देश्य से

धन प्राप्त करने के उद्देश्य से:- सम्भवतः जोखिम उठाकर राज्यों को जीतने तथा धन प्राप्त करने के लिए तैमूर ने Taimur Ka Bharat Per Aakraman किया था. भारत विजय की योजना उसके मन ने पहले से ही थी और इसके लिए उसने पृष्ठभूमि भी तैयार कर ली थी. तैमूर ने अपने ही पौत्र पीर मुहम्मद को उसके पहले भारत पर आक्रमण यानी की हमला करने के लिए भेजा था. उसने एक बहुत विशाल एक सेना के साथ जो एक सिन्धु नदी को पारकर के उसने उच्च और मुल्तान पर चारो तरफ से उसने घेरा डाल दिया और मुल्तान उस समय जो सारंग खां थे उनके अधिकार में यह था.

पीर मुहम्मद व सारंग खां

पीर मुहम्मद व सारंग खां:- अनीर तैमूर की अधीनता को स्वीकार करने के लिए जो पीर मुहम्मद थे उसने ने हि सारंग खां को अनीर तैमूर की अधीनता को स्वीकार करने का संवाद यानि की संदेस भेजा गया था. सारंग खां ने युद्ध करने के लिए उसे ललकारा और 6 महीने की घेराबन्दी के बाद पीर मुहम्मद उच्च और मुल्तान पर अधिकार कर सका था. इसमें यह भी Taimur Ka Bharat Per Aakraman के अति महत्वपूर्ण प्रश्न है.

निर्माण

निर्माण:- तैमूर ने समरकन्द छोड़ने के बाद रास्ते में अपने दुर्गा का निर्माण किया और यातायात का सम्बन्ध समरकन्द के साथ स्थापित कर वह अगस्त, 1398 ई० में काबुल पहुंचा था. सन 24 सितम्बर, 1398 ई० को उसने सिन्धु नदी को पार किया था. सिंधु का शासक शहाबुद्दीदन मुबारक ने तैमूर का विरोध किया और शहाबुद्दीन मुबारक व उसकी सेना झेलम नदी मे मारी जाति है. तैमूर झेलम नदी पारकर तलंबा नामक नगर में पहुंचा और नगर को नष्ट करने का आदेश दिया था. यह प्रश्न Taimur Ka Bharat Per Aakraman के सम्बन्धित है.

दुलचीन पर आक्रमण

दुलचीन पर आक्रमण:- नगर वासियों को धन एकत्र करने पर अभयदान का वचन तैमूर ने दिया था. पाटकट्टन और दीपालपुर की विद्रोहियों को जानता का संहार कर तैमूर लंग ने भटनेर के शासक दुलचीन पर आक्रमण यानी कि हमला किया था. दुलचीन ने विद्रोहियों को शरण दिया. तैमूर ने दुलचीन को पराजित किया और दीपालपुर के छिपे हुए सभी विद्रोहियों को मारक उसने भटनेर दुर्ग पर अधिकार कर लिया. तैमुर लंग ने Taimur Ka Bharat Per Aakraman के बाद इस पर भी हमला किया.

दिल्ली की ओर

दिल्ली की ओर:- भटनेर विजय के बाद व Taimur Ka Bharat Per Aakraman के बाद तैमूर तेजी से दिल्ली की ओर बढ़ा और रास्ते में पंजाब में 2000 जाटों को वध करते हुए सिरसा, फतेहाबाद, समाना, कैथल, पानीपत आदि नगरों को लूटता हुआ तथा गाँवों को नष्ट करता हुआ तैमूर दिल्ली पहुंच गया था. दिल्ली का सुल्तान नासिरूद्दीन महमूदशाह अपने मंत्री मल्लू इकबाल के हाथ का खिलौना था परन्तु तैमूर के आक्रमण का सामना करने में उन्होंने साहस से काम लिया था.

विशाल सेना

विशाल सेना:- एक विशाल सेना तैयार की गयी और सेना अस्त्र शस्त्रों से सुसज्जित थी. तैमूर की सेना के बाम पक्ष का नेतृत्व सुल्तान हुसेन, शाहजादा खालिद और अमीरजहां कर रहे थे. सुल्तान महमूद व मल्लू ख़ाँ यह दोनो की सेना में साहस का बिल्कुल ही अभाव नहीं था. उन्होंने युद्ध में वीरता का प्रदर्श किया परन्तु अन्त में पराजित होकर भाग गए और दिल्ली पर तैमूर लंग का अधिकार हो गया था. 15 दिनों तक तैमूर और उसकी सेना दिल्ली में रहते थे और प्रतिदिन लुट-पाट हत्या एंव अग्निकाण्ड की घटना घाटती रहती थी. सिरी पुरानी दिल्ली और जहांपनाह तीनो नगरो को नष्ठ कर दिया था.

मेरठ की रक्षा

मेरठ की रक्षा:- मेरठ की रक्षा इलियास अफगान और उसका पुत्र अजमद थानेसारी और सफी वीरता से कर रहे थे. तैमूर ने मेरठ दुर्ग को ध्वस्त कर पूरे नगर को नष्ट कर डाला और मेरठ के बाद तैमूर हरिद्वार की ओर बढ़ा था. हरिद्वार के हिन्दुओ ने तैमूर का विरोध किया व हिन्दू सेनाओं को तैमूर ने पराजित कर कांगड़ा पर अधिकार किया और जम्मू के शासक को इस्लाम धर्म स्वीकार करने के लिए विवश किया था.

कश्मीर के शासक जो है उन्होंने क्या किया की वह सिकन्दर छह ने तैमूर लंग की अधीनता को सिकन्दर ने स्वीकार किया. इस तरह वह भारत के कई भागों को रौंदते हुए तैमूर लंग ने समरकन्द की ओर लौटने का निर्णय यानि की फैसला किया था. यह Taimur Ka Bharat Per Aakraman के निम्न कारण थे.

तैमूर के आक्रमण का परिणाम व प्रभाव क्या-क्या है

तैमूर के आक्रमण का प्रभाव:- तैमूर का आक्रमण भारतीय इतिहास में एक प्रचण्ड आंधी की तरह था जिसकी चपेट में पड़ने वाले सभी क्षेत्र तहस नहस हो गये थे. एक इतिहासकार ने लिखा है कि “भारत को जितनी क्षति और दुःख तैमूर के एक आक्रमण ने पहुंचाया उतना पहले किसी आक्रमण ने नही पहुंचाया था.” Taimur Ka Bharat Per Aakraman यानि की हमला से भारत को अवर्णनीय क्षति यानि की नुकसान हुई तथा भारतीय राजनीति में अव्यवस्था और अराजकता की स्थिति उत्पन्न यानि की यह दोनों की हालत हो गयी थी.

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FAQ (तैमूर लंग का इतिहास से सम्बन्धित कुछ सवालो का जवाब)

प्रिय विधार्थियों अब इस लेख में पढने वाले है Taimur Ka Bharat Per Aakraman से ही सम्बन्धित कुछ प्रश्न है. आपके द्वारा बहुत ज्यादा बार पूछा जाने वाला प्रश्न को देखने वाले है और उसका उत्तर जो आपके सभी तरह के प्रतियोगी परीक्षाओ के लिए अति महत्वपूर्ण है. यह प्रश्न कई बार पूछा जाने वाला प्रश्न है जो इस लेख में देखने वाले है.

भारत में तैमूर के आक्रमण के क्या कारण थे?

देखिए तैमुर लंग के कई कारण है जैसे में वह भारत में वह यह चाहता था की धन को लूटना चाहता था. तैमुर कई चीजो को नष्ट किया व धन को लुटना शुरू किया था.

भारत में तैमूर के आक्रमण के समय सुल्तान कौन था?

तैमुर के भारत पर हमला यानि की आक्रमण के उस समय का सुल्तान नसीरुद्दीन महमूद शाह था. यह रहे Taimur Ka Bharat Per Aakraman के प्रश्न जो अति महत्वपूर्ण है.

अंत में क्या पढ़ा (निष्कर्ष)

तैमुर लंग कैसे इसका नाम पढ़ा और वह कैसे भारत में आया था. इस लेख में यह भी पढ़ा की Taimur Ka Bharat Per Aakraman के क्या-क्या कारण व परिणाम निकल कर आया था. तैमुर ने कब कहां व किस राज्य में अधिकार किया था. यह सारे प्रश्न को हम लोग पढ़े है पूरी अच्छी तरह से.

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